Yuva ka dar

।।। नमो भारत।।। बच्चो को मार खाने का डर युवा को भविष्य का डर बुजुर्गों को स्वर्ग का डर राजनेता को उसके सरकार जाने का डर अब तो कईयों ने तो अपने डर को कर्तव्यों का नाम भी दे डाला है। एक व्यक्ति के क्या कर्त्तव्य होते हैं? पढ़ो लिखो, कमाओ, खाओ, बच्चो को पढ़ाओ, बुढ़ापे में कीर्तन भजन करके अपने लिए स्वर्ग में सीट रिज़र्व करो और अंत । क्या यही है एक व्यक्ति के कर्तव्य । अधिकार की बात आती है तो लोग अपने अधिकार के लिए अपनो से भी लड़ जाते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम आने वाले पीढ़ी को एक बेहतर समाज और देश दे लेकिन हम क्या कर रहे हैं । हम सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। हमारा पैसा , हमारी जमीन , हमारा घर, हमारी जाति, हमारे धर्म इन सभी पर हमें गर्व होता है। लेकिन जब बात देश की आती है तो लोग देश पर गर्व तो करते हैं लेकिन सिर्फ तबतक जबतक उनका धर्म और जाति परे है। लोगो के मुताबिक वो देश के अपनी जाति और धर्म को नही छोड़ सकते हैं। धर्म को छोड़ना पाप है लेकिन देश के प्रति अपने कर्तव्य पूर्ण न करना गलत नही। परिवार में कुछ सही नही हो रहा तो बहुत से बाबाओ , धर्मो के पास अनेको समाधान है । किसान खेत...