JATIWAAD
III नमो भारत III जय भारत III ''जातिवाद एक घातक बीमारी '' उत्पत्ति: विकास की प्रक्रिया के दौरान अनेक जीवों का विकास हुआ। जैसे - बिल्ली, शेर, बंदर, मनुष्य आदि। ये सभी अलग -अलग जाति से सम्बन्ध रखते है। परन्तु यह मनुष्य पर लागू नहीं होता है, क्योंकि मनुष्य स्वयं एक जाति है। जिसे अन्य जातियों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। परन्तु दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह जाति आधारित व्यवस्था केवल भारत में है। आज से लगभग ४ हजार साल पहले, विदेशी कबीले भारत आये। धोखा और छल से इस देश के मूल निवासियों को गुलाम बनाये। परन्तु जब उन्हें एहसास हुआ कि वे संख्या में कम है, तो उन्होंने फूट डालो और शासन करो की नीति के तहत जाति व्यवस्था की नीव रखी। एक मनुष्य जाति को ६,७४३ जातियों में विभाजित किया। उनके बीच जाति रुपी दिवार खड़ा कर दिया। आपस में भाई चारा न रहे, इसके लिए जाति के आधार पर बड़े -छोटे का भेद कर दिया। इस काम में वे सफल रहे, क्योंकि आज तक यह व्यवस्था बनी हुई है। समय - समय पर इसे मजबूत करने के लिए पोषण की व्यवस्था की जाती रही है। आज देश की जो भी समस्याएं मौजूद है, ...