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Showing posts from March, 2018

स्पीफी की सूरत की टीम ने अनाथ बच्चो को करवाया भोजन

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आयोजन का विचार एवं आयोजक:-यशराज द भारतीय सहयोगी:-अच्छेलाल द भारतीय,विजयशंकर द भारतीय,मुरारी द भारतीय,सुरेश कुमार द भारतीय,राजकुमार द भारतीय,मनोज द भारतीय,राधेश्याम द भारतीय,अखिलेश द भारतीय,सुभाष द भारतीय,रामनाथ द भारतीय,नन्दलाल द भारतीय। टीम ने अनाथालय में परिवार सहित जाकर अनाथ बच्चो को स्वयं से भोजन बनाकर भोजन करवाया। सम्राट प्रियदर्शी यूथ फॉउंडेशन ऑफ इंडिया राष्ट्रीय टीम की तरफ से गुजरात टीम को सहरानीय कार्य के लिए बहुत बहुत आभार। आप सभी ऐसे ही समाज और देशहित मे अपना योगदान देते रहे। हमेशा जिंदगी को खुशहाल बनाये रखे। आयोजक:-सम्राट प्रियदर्शी यूथ फाउंडेशन आफ इंडिया गुजरात टीम

दो हत्याओं के सन्धर्व में- विजेंदर सैनी को न्याय दिलाए

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दो हत्यायौ के संधर्व मे 1 क्या भारत  मे जीवीत  आदमी का देह  संस्कार करने  की अनुमति हे ?  2  क्या भारत मे जीवीत आदमी का म्रत्यु प्रमाण पत्र बन सकाता  हे ? 3 क्या भारत मे आदमी का भामाशाह  बान साकता हे वो भी उस की गेर मौजूँगी मे ? 4 क्या भारत मे ईक लोती बेटियाँ आपने पिताजी की प्रोपर्टी मे से हिसा  लेने का आधिकार नहीँ हे ?  5  क्या भारत मे बेंक अधिकारीयौ से पिता जी के लॉकर और नगदी रुपये के बारे मे पूछने का अधिकार  बिटिया को नहीँ हे ? 6 क्या भारत मे पटवारी से पिता की सम्पति के बारे मे पूछने का अधिकार बिटिया को नहीँ हे ? 7  क्या भारत मे पिता को आपनी ऐक लोती पुत्री को आपनी सम्पति मे से कूछ देने का अधिकार नही हे  ? 8 ऐसा करने पर बहू  आपने माता पिता भाई जीजा और आपने ही पुरूष मित्र के सात मील कर के ससुर को मारपीट कर जिँदे आदमी को जलाने का आधिकार राज स्थान के सरकारी अधिकारी देते हे वो भी तीन तीन सरकारी दस्तावेजों के सात 😥  9   राजस्थान भारत का ऐक ऐसा प्रदेश हे जहाँ पर आप राजस्थान के सरकारी चोर अधीकरीओ...

---:साखी शतक:---भंते शीलभद्र उर्फ जग्गू प्रसाद कुशवाहा

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---:साखी शतक:--- कुशवाहा'  किससे  कहूँ, जग-जीवन की पीर! सब-के-सब  क़ाबिल  यहाँ, रमे  स्वार्थ  गंभीर।।1।। परमारथ  से  लाभ  क्या, अपना स्वारथ साध! दुनिया  जाये  भाँड़  में, बढ़  निज पथ निर्बाध।।2।। बात   बनाते   हैं   सभी ,  जैसे   परम   उदार! कथनी  में  मिसरी  घुली, करनी  तिक्त अपार।।3।। मन, वाणी  औ'  कर्म  ही, शाश्वत  शीलाधार! इनके  साधे  सब  सधे, खुले  परम  का  द्वार।।4।। चाहत  वो  चुड़ैल  सखे, जो  ले  राहत  छीन! राही  आहत   राह  में,  रोये   हो   अति  दीन।।5।। खुद  में  डुबकी  मारकर, साधो  साक्षी  भाव! आज  नहीं  तो  कल  सखे,  होंगे   दूर  दुराव।।6।। पिया    पास-से-पास    हैं,  और   दूर-से-दूर! माया ग्रस...