||| भारत गणत्रंत और आज़ाद है ? |||
||| नमो भारत ||| जय भारत |||
दिनाक २६ जनवरी
२०१६ को भारत
में कुछ स्थानो
पर ऐसा कुछ
हुआ जिससे ये
सवाल उठना सही
है की क्या
आज हम गणत्रंत
और आज़ाद भारत
है ?
1- 26 जनवरी 2016 , अहमदाबाद (जानकारी news24) एक SC/ST के
सरपंच को उस
स्थान के ठाकुरो
ने २६ जनवरी
के उपलक्ष में
राष्ट्रीय ध्वज फहराने
नहीं दिया
गया तथा ठाकुरो ने मरने की धमकी दी।
2- मैं राष्ट्रीय
स्वयं सेवक यानी
आरएसएस हूं. मेरी
नजरों में तिरंगा
के तीन रंग
अशुभ हैं मैं
अपने मुख्यालय में
कभी तिरंगा नहीं
फहराता और
मैं भारतीय संविधान
को नहीं, बल्कि
मनुस्मृति को मानता
हूं और मैं
देशभक्त हूं.- ये वाक्य
भारती कुमारी(लेखिका
सामाजिक -राजनीतिक कार्यकर्ता हैं.)
के एक लेख
का है जिसमे
उन्होंने ने आरएसएस
के करतूतो को
लिखा है। आरएसएस
मुख्यालय पर कभी
तिरंगा नहीं फहराया
गया है।
3- दिनाक 21 जनवरी 2016 ,झांसी बुंदेलखंड,
(जानकारी - )बुंदेलखंड के बांदा
जिले में दलितों
से पानी पीने
का हक भी
छीना जा रहा
है। उनके घरों
के पास लगे
सरकारी हैंडपंप में ताला
लगा दिया गया
है। चाबियां उच्च
जाति के लोग
अपने पास रखते
हैं। खुद पानी
लेने के बाद
फिर ताला डाल
देते हैं। कार्ड
छूने से बचने
के लिए दलितों
को न तो
राशन दिया जा
रहा है और
ना ही मनरेगा
में काम।
४- २६ जनवरी २०१६ के
दिन अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने गणत्रंत दिवस को काला दिवस के तौर पर बनाया।
५- नई दिल्ली में
कुछ लोगो ने गणत्रंत दिवस इस लिए नहीं बनने दिया क्योकि वो लोग दूसरे राज्य से आये हुए थे।
क्या इसी भारत का सपना
हमारे पूर्वजो ने देखा था।
जिस अखंड भारत की नींव
चन्द्रगुप्त ने रखी थी। क्या आज वही भारत है?
, कभी भारत में सभी के मन में भारतवासी होने का गर्व हुआ करता था। आज लोगो में अपने जाति, अपने जन्म स्थान पर गर्व
है लेकिन किसी के मन भारत के लिए जीने की इक्छा नहीं होती है। सभी सिर्फ अपने लिए जीना चाहते है।
क्या यही भारत है
?
क्या यही भारत आज़ाद
है ?
क्या आज भारत गणत्रंत
है ?
देश में रहकर देशद्रोह
होता है।
सुर्यामित भारतीय
संगठन सचिव
सम्राट प्रियदर्शी
युथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया
विशिष्ट भारतीय युवा समाजसेवी संगठन
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