" GIFT FOR STUDENTS "

III नमो भारत III  जय भारत III

" छात्रों को एक और तौफा "

आईआईटी की एक समिति ने बृहस्पतिवार को आईआईटी की सालाना फीस में तीन गुनी बढ़ोतरी का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस विषय पर अंतिम निर्णय के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अनुमति जरूरी होगी।

आईआईटी की मौजूदा सालाना फीस 90 हजार रुपये है।
90,000*4= 3,60,000 + हॉस्टल खर्चा
2,70,000*4 = 1080000 + हॉस्टल खर्चा
अगर फीस बड़ा दी जाती है तो जिन गरीब माता पिता का सपना अपने बच्चों को आईआईटी में पढ़ाने होता है या जिन छात्रों का सपना आईआईटी में पढ़ना होता है जो महंगी कॉलेजों की फीस नहीं दे सकते वो  अपनी  कोशिश करते  है की वो आईआईटी में प्रवेश ले सके अब उनका सपना सिर्फ सपना ही रह जायेगा यह भी एक तरीका है हमारे समाज को फिर से पिछड़ा बनने का चाहए सरकार कारण कुछ भी दे रही हो।  आईआईटी के मुताबिक वो टीचर्स की फीस भी दे पा रही है फीस कम होने कारण और भी ख़र्चों को गिनाया गया है । 

मेरा एक सवाल है सरकार से की वो ऐसे तो भुत से उद्योगपतियों का हजार करोड़ों रुपए माफ़ क्र सकती है तो क्या उन उद्योगपतियों से ले कर वो आईआईटी को नहीं दे सकती है ?
 क्या शिक्षा क्षेत्र में सरकार का कोई कर्तव्य नहीं है ?

सिर्फ बजट में - आईआईटी खुलवाने का बोलकर इनका काम खत्म हो जाता है। 
शिक्षा बेवस्था को और बेहतर करना चाहिए तो ये है की उसे हमारे पहुंच से ही दूर करने में लगे है।
यह तो मानना पड़ेगा मोदी सरकार काम बहुत अच्छा करती है देश और जनता को "बेबकूफबनाने का।

जो आज हमारे देश के युवा है जो की भविष्य में देश की बागडोर संभालेंगे उनकी कमर तोड़ देना , उनके सपनो को साकार होने देना क्या यही है हमारे भारत की सरकार ?

ऐसी सरकार और ऐसी बेवस्था को उखाड़ फेक देना चाहिए जो जनता एवं देश के लिए नहीं सोचता हो और नहीं करता हो  उसे हमारे देश के किसी भी मुद्दे में निर्णय लेने का कोई हक़ नहीं होना चाहिए। 

सुर्यामित भारतीय
संगठन सचिव
सम्राट प्रियदर्शी युथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया

विशिष्ट भारतीय युवा समाजसेवी संगठन

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