New delhi become new deadly

III नमो भारत III जय भारत III

''नई दिल्ली हुई नई डेडली''

दिल्ली एनसीआर के सभी साथियों, भाइयों एवम बहनों से निवेदन है कि आप अपने आपको, बच्चों तथा सगे सम्बन्धियों के स्वास्थ का विशेष ध्यान रखते हुए, कृपया मास्क का इस्तेमाल करें। खुले में बच्चों को न जाने दें अन्यथा आपके, अपनों के लिए जानलेवा हो सकता है, पिछली दिवाली।काफी मामले सामने आये हैं, लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। कोई सरकार काम नहीं आने वाला है क्योकि यह सरकार का ही किया कराया है, जनता को पटाखें फोड़ने से रोकने के बजाय, सरकार उन्हें प्रमोट कर रही है तो क्या होगा ? यही हश्र होगा। ये तो वही बात हुई कि घर में आग लगा दो, फिर बचाओ और सहानुभूति बटोरो कि मैंने आपको बचाया है। अच्छा तरीका है जनता की जान, मॉल और विश्वास के साथ खेलने का।लोग दिन-रात भगवान् की पूजा पाठ में लगे रहते है, आखिर कब और किस दिन आएंगे भगवान् आपकी रक्षा के लिए ? अपने मन सेयह भ्रम निकाल दीजिये कि कोई भगवान किसी दिन आएगा, चमत्कार होगा जो आपको न्याय दिलाएगा या मदद करेगा। देश के संचालको/सरकारों को यह बात भलीभांति पता है, परन्तु वे इस टॉपिक पर आपके समक्ष कुछ नहीं बोलते हैं न ही इनके खिलाफ कोई कदम उठाते हैं क्योकि इन्ही कल्पनिक भगवान के नाम पर ही वे जनता के साथ धोखा करते है, लूटते हैं। आपको अपनी रक्षा खुद करनी होगी, क्योकि यहाँ तो भगवान् भी धोखेबाज /जुमलेबाज है, जो कभी भी आपकी मदद के लिए न आया है न ही आएगा। यह सिर्फ आपका भ्रम है। मानसिक गुलाम हो आप सभी , बुद्धि का इस्तेमाल करिये। हर परेशानी का उत्तर मिल जायेगा, हर समस्या का समाधान हो जायेगा सिर्फ तर्किक बनिए।पर्यावरण विभाग के अनुसार -दिल्ली में जहरीली हवा से निजात पाने के लिए बारिश जरुरी है। कृतिम बारिश हेलिकॉप्टर से कराने पर विचार किया जा रहा है। यह कार्य तो बहुत आसान होताअगर मोदी जी और केजरीवाल जी मिलकर इंद्रा (वर्षा का ठेकेदार) के पास जाते और उनसे बारिश की गुहार लगाते। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे। क्योकि वे जानते हैं कि यहाँ इंद्रा नाम की कोई चीज नहीं है न ही उसका घर और पता है। वहआपकी समस्या का वास्तविक इलाज तो चाहते ही नहीं, न तो वें लोग जायेंगे इंद्रा से मिलने, न इंद्रा आएगा, न बारिश होगी, न ही दिल्ली सुरक्षित होंगी, क्योकि इंद्रा बहरा और गूंगा दोनों है। क्या कभी किसी की मदद के लिएआया है आजतक ? जब जरुरत है इंद्र कि तो कहाँ छुप गए है ? क्या ये भी जुमलेबाज हैं ? भरोसा देकर भरोसा तोड़ने का ठेका ले रखा है। अब तो सारा दारोमदार प्रकृति पर ही है कि वह अपने आप में कैसे परिवर्तन लाती है, जो हमारे लिए हितकर हो। बस जरुरत है हमें प्रकृति की मदद करने की। कोई ऐसा कार्य न करें, जो प्रदूषण को बढ़ावा दे।मानवता को बढ़ावा दीजिये, अपनों के साथ साथ दूसरों को भी बचाने का भरपूर प्रयास करिये।सत्य, अहिंसा एवं न्याय का साथी तथा सहयोगीसम्राट प्रियदर्शी यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडियाविशिष्ट भारतीय समाजसेवी संगठनwww.spyfi.org, info@spyfi.org9891367219/9718554504

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