Posts

Showing posts from 2016

"Nationality" Its not a hindu nation.

III नमो भारत III जय भारत III '' राष्ट्रवाद, न कि हिन्दू राष्ट्रवाद! '' वर्तमान राजनैतिक स्थिति के संदर्भ में ‘‘हिंदू धर्म, पारंपरिक रूप से, अन्य सभी भारतीय धर्मों से तुलनात्मक रूप में सबसे अधिक असहिष्णु रहा है। हाल में कट्टरवादियों द्वारा फैलाये जा रहे धार्मिक तनाव और घृणा फैलाने वाले भाषणों से ऐसा लगता है कि हिंदू धर्म अपना सौम्य चेहरा बदल रहा है। इन दिनों हिन्दू के नाम पर बहुत ही बुरी तरीके से राजनीति हो रही है। हमें इसे गंभीरता से समझने की जरुरत है। हिन्दू का वास्तविक मतलब ही है -गैरबराबरी। जब हम हिन्दू हैं तो गैरबराबरी में अर्थात विभिन्न जातियों जैसे यादव, कुर्मी, माली, चमार, ब्राह्मण में क्यों बंटे हैं ? किसने बांटा हैं हमें ? कब तक हम बंटे रहेंगे ? कब हम वास्तविकता को अपनाएंगे ? जातियो में बांटकर समाज की एकता एवम भाईचारे को तोड़कर हम पर शासन किया गया है। उस समय जब मूल निवासियों की एकता एवम अखंडता को तोड़ कर शासन करने लिए जातीय व्यवस्था बनाई गई थी। अगर इस न किया गया होता तो आज ब्राह्मणवाद का नामों निशान न होता। इन दिनों आरएसएस की विचारधारा, अर्थात हिंदुत्व ...

JOIN US

Image
III नमो भारत III जय भारत III विदित हो कि SPYFI की सदस्यता पूरे साल खुली रहती है। जो भी साथी हमारी टीम का हिस्सा बनना चाहता/चाहती है, उनसे हमारा अनुरोध है कि हमारे संगठन के सिद्धांतों तथा उद्देस्यों को भलीभांति समझ लें तथा जान लें। जल्दबाजी में किसी के कहने पर न तो सदस्य बनें, न ही हमें सपोर्ट करें। आप सबसे पहले हमें खुद जानिए, परखिए क्योकि आजकल गुमराह करने वाले संगठनों/राजनैतिक पार्टियों की कमी नहीं है। क्या हम वास्तव में अपने सिद्धांतों तथा उद्देश्यों के प्रति अडिग है ? क्या  हम वास्तव में सबसे अलग है ? क्या हम हमेशा राष्ट्र एवं समाजहित में ही सोंचते और कार्य करते है? क्या हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में आपको कभी भी पछताना नहीं होगा ? यदि उपर्युक्त सभी प्रश्नों के प्रति आपको लगता है कि हम खरे उतरेंगे। तो देर न करें आज ही जुड़ें। अन्यथा तब तक इंतजार करें, जब तक आप पूर्णतया संतुष्ट न हो जाये। हम सदैव आपके साथ हैं। आपकी समस्या, हमारी समस्या है। हम दुःख की घडी में हर पल आपके साथ है। अब आप अकेले नहीं है। जो भी साथी लोग हमसे जुड़ना चाहते है। उनसे हमारा अनुरोध है कि सीधे वे हमार...

Birsa Munda

Image
III नमो भारत III जय भारत III ''बिरसा मुंडा ने तीर कमान से किया था अंग्रेज़ों की गोलियों का सामना'' आज़ादी की लड़ाई में कई आदिवासी क्रांतिकारियों ने भी अहम भूमिका निभाई, इनमें से ही एक थे बिरसा मुंडा। बिरसा मुंडा एक आदिवासी नेता और लोक-नायक थे जो कि मुंडा जाति से संबंधित थे। अगर हम आज की बात करें तो भारत में रांची और सिंहभूमि के आदिवासी बिरसा मुंडा को अब ‘बिरसा भगवान’ कहकर याद करते हैं। दरअसल मुंडा आदिवासियों को अंग्रेज़ों के दमन और अत्याचार के विरुद्ध खड़ा करके बिरसा मुंडा ने यह सम्मान अर्जित किया था। 19वीं सदी में बिरसा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक मुख्य कड़ी साबित हुए थे। उनके द्वारा चलाया जाने वाला सहस्राब्दवादी आंदोलन ने बिहार और झारखंड में खूब प्रभाव डाला था| केवल 25 वर्ष के जीवन में उन्होंने इतने मुकाम हासिल कर लिए थे कि आज भी भारत की जनता उन्हें याद करती है। कौन थे बिरसा मुंडा बिरसा मुंडा का जन्म 1875 ई. में झारखण्ड राज्य के रांची में हुआ था। बिरसा के पिता ‘सुगना मुंडा’ जर्मन धर्म प्रचारकों के सहयोगी थे। उन्होंने कुछ दिन तक ‘चाईबासा’ ...

New delhi become new deadly

Image
III नमो भारत III जय भारत III ''नई दिल्ली हुई नई डेडली'' दिल्ली एनसीआर के सभी साथियों, भाइयों एवम बहनों से निवेदन है कि आप अपने आपको, बच्चों तथा सगे सम्बन्धियों के स्वास्थ का विशेष ध्यान ...

Search kumkum help to her family

Image
III नमो भारत III जय भारत III ''गुमशुदा कुमकुम मौर्या ( उम्र -18) की तलाश'' विदित हो कि कुमकुम मौर्या पुत्री राजेंद्र मौर्य, निवासी -ग्राम : वल्लीपुर, पोस्ट: हरिपुर जलालाबाद, थाना: फैज़ाबाद, फैज़...

Daan de

Image
III नमो भारत III जय भारत III ''एक निवेदन - देश एवं समाज हित में हमें अवश्य डोनेट करें'' दोस्तों, कहते हैं कि ''अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता है'' यह कहावत शत प्रतिशत सत्य है। अगर आपको भारत में हो रह...

SITA MURDER CASE

Image
III नमो भारत III जय भारत III  ' 'सीता मौर्य व उसके अजन्मे बच्चे को उसके ससुराल  पक्ष द्वारा जिन्दा जलाकर मारने का मामला'' LATEST UPDATE ( 28/10/2016) विदित हो कि सीता मौर्या की सिविल अस्पताल लखनऊ में मृत्यु होने तक पुलिस प्रशासन अपराधी का ही साथ दे रही थी। स्थानीय थाना अध्यक्ष का कहना था की मजिस्ट्रेट का आदेश है कि अपराधियों को गिरफ्तार न किया जाय। इस बात की सूचना मिलते ही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखंड भारत जी तुरंत फैज़ाबाद पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली से फैज़ाबाद के लिए निकल पड़े। रात्रि में लगभग ४ बजे वे अपने सहयोगियों के साथ फैज़ाबाद पहुंचे। मौके पर पहुँच कर सभी परिजनों के दर्द को अपना दर्द समझते हुए, यह निर्णय लिया कि हम सबसे पहले पुलिस कप्तान, डी आई जी एवं डीएम से बात करेंगे। उसके बाद अगर वे नहीं सुनते हैं, तो तुरंत हम फैज़ाबाद -लखनऊ रोड को जाम करके डेड बॉडी को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ जायेंगे। और तब तक हम भूख हड़ताल जारी रखेंगे जब तक वे हमारी मांगे पूरी नहीं कर देते। भूख हड़ताल के लिए हमारे पास फैज़ाबाद में सक्रिय युवाओं के...

JATIWAAD

III नमो भारत III जय भारत III ''जातिवाद एक घातक बीमारी '' उत्पत्ति: विकास की प्रक्रिया के दौरान अनेक जीवों का विकास हुआ। जैसे - बिल्ली, शेर, बंदर, मनुष्य आदि। ये सभी अलग -अलग जाति से सम्बन्ध रखते है। परन्तु यह मनुष्य पर लागू नहीं होता है, क्योंकि मनुष्य स्वयं एक जाति है। जिसे अन्य जातियों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। परन्तु दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह जाति आधारित व्यवस्था केवल भारत में है। आज से लगभग ४ हजार साल पहले, विदेशी कबीले भारत आये। धोखा और छल से इस देश के मूल निवासियों को गुलाम बनाये। परन्तु जब उन्हें एहसास हुआ कि वे संख्या में कम है, तो उन्होंने फूट डालो और शासन करो की नीति के तहत जाति व्यवस्था की नीव रखी। एक मनुष्य जाति को ६,७४३ जातियों में विभाजित किया। उनके बीच जाति रुपी दिवार खड़ा कर दिया। आपस में भाई चारा न रहे, इसके लिए जाति के आधार पर बड़े -छोटे का भेद कर दिया। इस काम में वे सफल रहे, क्योंकि आज तक यह व्यवस्था बनी हुई है। समय - समय पर इसे मजबूत करने के लिए पोषण की व्यवस्था की जाती रही है। आज देश की जो भी समस्याएं मौजूद है, ...

ANDHWISWAS

III नमो भारत III जय भारत III ''अन्धविश्वास'' अन्धविश्वास भारत की प्रमुख समस्याओं में से एक है। जिनकी जड़े वैदिक समय से ही भारत भूमि में विराजमान है दरसल अन्धविश्वास हमारे देश की संस्कृति में कभी था ही नहीं। हमारे देश की संस्कृति श्रमण संस्कृति के नाम से जानी जाती थी, जिसमे लोग श्रम पर , विज्ञानं पर, तर्क पर, विश्वास करते थे। आर्यों के आगमन के बाद वैदिक संस्कृति विकसित हुई जिसमे अन्धविश्वास को प्रमुखता से जगह दी गई ताकि विशाल आबादी को गुलाम बनाया जा सके। इसके लिए भाग्य और भगवान को इसके केंद्र में रखा गया। व्यक्ति को मानसिक रूप से गुलाम बनने के लिए उसके मस्तिष्क में अन्धविश्वास भरा जाए। अन्धविश्वास रूपी गाड़ी को चलाने के लिए भाग्य भगवान , डायन , भूत , पिचास , प्रेत , जादू - टोना, व्रत , पूजा - पाठ , हवन , पुर्नजन्म इत्यादि का सहारा लिया जाता है। देश की बड़ी आबादी आज इस बीमारी से ग्रसित थे। अफ़सोस की बात तो यह है की इस रेस में पड़े लिखें इंजीनियर , डॉ. इत्यादि भी शामिल है।  देश की प्रगति व् विकास में अन्धविश्वास भुत बड़ा बाधक है। समाज में अनेक प्रकार के अन्धविश्वास को देखा ...