YOUTH NEED TO AWARE FOR NATION

III नमो भारत III जय भारत III

" युवाओं को राष्ट्र के लिए जागरूक होना होगा "

आज की युवा पीढ़ी कहती है की उसके पास टाइम नहीं है अच्छी बात बिजी होना जरुरी है। कल भारत की क्रिकेट टीम ने मैच जीता तो लोग उसे फेसबुक पर , व्हाट्सप्प पर सभी सोशल साइट पर जश्न मना रहे थे। की भारत ने मैच जीता अच्छी बात है में सहमत हूँ।लेकिन मैं जानना चाहता हूँ की मैच जीत कर भारत देश का क्या फ़ायदा हुआ किसे नौकरी मिली क्या भारत देश से जातिवाद खत्म हुआ?  क्या भारत देश की कई समस्याओं का निदान हुआ ?


नहीं हुआ। 



आज हमारे देश की युवा पीढ़ी इन बाहरी दिखावों में इस कदर लिप्त होगी है की उन्हें भारत की अन्य समस्याएं नहीं दिखती है।  हमारी युवा पीढ़ी के अंदर से  राष्ट्रीयता की भावना को नष्ट कर दिया गया है।  आज सभी अपनी नौकरी , अपना परिवार में इतना व्यस्त है की उन्हें भारत दिखाई ही नहीं देता है।  उनके मन में सिर्फ देश के लिए यही बात रह गई है की भारत भ्रस्ट हो चूका है।  भारत में बुराई आगे है।  सभी एक दूसरे को हीन भावना से देखते है है सभी आगे जाना चाहते है दूसरे को निचा कर के।  कोई भी एक दूसरे का भला नहीं देखना चाहता है। लोग कहते है  लोग को बदलना होगा लेकिन शुरुवात कोई नहीं करना चाहते है।  कितने लोग है जो देश के प्रति अपना थोड़ा सा वक्त देना चाहते है? 
हमारी युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है की उन्हें देश में बुराई दिखती है, समाज में बुराई दिखती है , उन्हें लोगो में बुराई दिखती है , लेकिन देश की बुराई को दूर करने में भागीदारी नहीं बनना चाहते है।  उसके लिए वक्त की कमी है।  जब हमारे देश की युवा पीढ़ी ही देश की जिम्मेदारी नहीं लेगा तो भारत देश विकाश कैसे करेगा।  भारत को अब लिक से हट कर सोचने वाले की जरुरत है जो जाति , समाज , भेद - भाव , से परे हो मानवतावादी हो , तर्क से परिपूण कार्य करने वाला हो। 


 आप लोगो को अपने साथ घटे एक अनुभव की बात बताना चाहता हूँ एक दिन मैंने एक इंटरव्यू  देने गया था उसमे सभी को अपने जन्मस्थान के बारे में बताना था उसमे एक युवा अपने कहा की उसे अपने जन्म स्थान से नफरत है उसे वंहा के लोगो को देख कर  चिड़चडापन महसूस होती है।  कुछ समय बाद मेरी उससे बात हुए तो मैंने उससे कारन पूछा तो उसका कहना था की वंहा के लोग ऐसे ही है है। मैंने खा की तुमने इसकी वजह जानने की कोशिश की वंहा के लोग  ऐसे क्यों है तो इसका जबाब था नहीं मैं क्यों जानु मुझे क्या आवश्यकता है जानने की ?


मैंने फिर पूछा की तुमने कभी इसे दूर करने की कोशिश की है तो उसका उत्तर था की की जरूरत नहीं समझी। ऐसा सुनकर मुझे अपने आप में एक दर्द सा महसूस हुआ की आज की युवा पीढ़ी को बुराई दिखती है। 
ऐसा नहीं है की ये केवल एक युवा की सोच है आज के तारीख में यह सामान्य सी बात हो गई है।  युवा वर्ग आज अपने पथ से भ्रमित हो चूका है।  आज युवा मैदान में क्रिकेट खेलते दिखा जायेंगे लेकिन समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्य पूर्ण करते हुए बहुत कम ही देखे जायेंगे।


कुछ लोग बोलते है विद्यार्थी को सिर्फ पढ़ना चाहिए।  अच्छी बात है लेकिन मैं जानना चाहता हूँ की क्या विद्यार्थी का , एक नौकरी पेशेवर व्यक्ति , देश के प्रत्येक व्यक्ति का कोई कर्तव्य नहीं है।  देश की सुरक्षा केवल आर्मी , एयर फ़ोर्स , नेवी ,पुलिस की ही जिम्मेदारी है क्या ?


आज के युवा यह भी कहते है वो अपना घर सुरक्षित करना चाहते है पहले उसके बाद देश के लिए और घर को सुरक्षा करते करते वो देश को भूल ही जाते है।  अगर युवाओं में राष्ट्र को सुरक्षित एवं संपन्न करने की इक्क्षा जगाई तो आपका घर स्वयं सुरक्षित हो जायेगा। 


आज भारत के प्रत्येक युवा में राष्ट्रीयता की भावना जरुरी है।  नहीं तो वो दिन दूर नहीं की भारत के हर गली - गली में रोज नए दंगे होंगे और युवा सिर्फ बाते और फेसबुक और व्हाट्सप्प पर दुःख व्यक्त करते नजर आएंगे। 


सुर्यमित भारतीय

संगठन सचिव

सम्राट प्रियदर्शी युथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया


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